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न्यू यॉर्क »शिशुओं में ईर्ष्या के बारे में विवरण
#नवजात_शिशु_पीलापन👇
बच्चे की त्वचा और श्वेतपटल का पीला पड़ना।
दो प्रकार के होते हैं - फिजियोलॉजिकल (शिशुओं में 2% मामले) - पैथोलॉजिकल (अतिरिक्त बिलीरुबिन)
#कारण👇
1. मातृ एवं शिशु रक्त समूह बेमेल
2. शरीर में संक्रामक रोगों का उपचार
3. समय से पहले जन्म
4. मातृ मधुमेह
5. एक बच्चे में छोटे रक्त आधान
6. निगल लिया खून (सीने में चोट के मामले में)
7. बच्चे के जन्म के दौरान और बाद में दवाओं का परिचय (ऑक्सीटोसिन, एम्पीसिलीन, सेफ़ाज़ोलिन)
3 सप्ताह से अधिक के पीलिया को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए, आदर्श 7-9 दिन है।
# संकेत👇
1. त्वचा का पीला पड़ना
2. स्क्लेरल पीलिया
3. मल मलिनकिरण
4. पेशाब का पीला पड़ना
5. स्तनपान कराने से इंकार
6. वजन घटाना
7. एनीमिया
8. उच्च तापमान
११.कांपना
# निदान
1. बाल रोग विशेषज्ञ या नियोनेटोलॉजिस्ट परीक्षा
2. रक्त का सामान्य विश्लेषण
3. बिलीरुबिन के लिए रक्त की जाँच करें
4. रक्त समूह का निर्धारण
प्रत्येक मामले के लिए बिलीरुबिन मानदंड अलग है। यह कई कारकों पर निर्भर करता है, विशेष रूप से, गर्भकालीन आयु, आयु, रीसस कारक और बच्चे के रक्त प्रकार।
#उपचार👇
1. एक विशेष दीपक के नीचे रखना
2. फेनोबार्बिटल
3. बच्चे को धूप में घुमाएं
#जटिलताएं👇
बिलीरुबिन मानव शरीर के लिए विषाक्त है, इसलिए इसे जल्द से जल्द मानव शरीर से समाप्त कर देना चाहिए।
# प्रोफिलैक्सिस👇
जन्म से ही धूप में चलना।