जसुरबेक मावलोनोव - लालसा फिर से

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जसुरबेक मावलोनोव - लालसा फिर से

आधी रात में, लालसा के चरम पर,
कोई वादा क्यों नहीं बचा?
मैंने सोचा, मुझे अभी याद आया
लेक, लेकिन किसी कारण से मैं नहीं जा सका,
मैं कल रात नहीं कर सका।

लालसा फिर से, फिर से, फिर से, फिर से
यह हवाओं की छाती तक पहुँचता है।
यह मेरी लालसाओं और दर्द के लिए है
मेरे पास ही है।

ओह, फिर से, फिर से, फिर से, फिर से, लालसा
यह हवाओं की छाती तक पहुँचता है।
यह मेरी लालसाओं और दर्द के लिए है
मेरे पास है, मेरे पास है।

ऐ दिल इतना भी न दुखाओ,
मेरे शरीर को लालसा द्वारा कब्जा न करने दें।
वह नहीं आया, वह नहीं जानता कि मैं कैसा था,
लेकिन मैं फिर से नहीं रह सका,
मैं कल रात नहीं कर सका।

लालसा फिर से, फिर से, फिर से, फिर से
यह हवाओं की छाती तक पहुँचता है।
यह मेरी लालसाओं और दर्द के लिए है
मेरे पास ही है।
ओह, फिर से, फिर से, फिर से, फिर से, लालसा
यह हवाओं की छाती तक पहुँचता है।
यह मेरी लालसाओं और दर्द के लिए है
मेरे पास है, मेरे पास है। (एक्स1+एक्स1)

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