11 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है।

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11 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस है।

वे कहते हैं कि जिस घर में लड़की होती है वह सौभाग्य की बात होती है।
वे कहते हैं कि स्वर्ग का रास्ता वह रास्ता है जहां लड़कियां होती हैं।
यह मत पढ़ो कि मेरा कोई पुत्र नहीं है,
वे कहते हैं कि पहाड़ न हो तो पहाड़ी भी खंभा है।
दुनिया की खुशियां वीरों के साथ हो,
आमीन और खालिदास हो सकते हैं।

क्या दूल्हा बिना लड़की के देश में दहेज देगा?
क्या बिना दुल्हन की शादियां शादियों के समान होती हैं?
बेटियां हैं, देश सुरक्षित है, गढ़ मूर्ति है,
अगर कोई लड़की किसी लड़के का इंतज़ार न करे तो क्या वो मर जाएगा?
आत्माओं को हुक होने दो, आकर्षण ताबीज हो,
सुख-दुख हो सकते हैं।

© मुहम्मद यूसुफ

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