युसुफखान नुरमातोव - भोर नहीं हुई है

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युसुफखान नुरमातोव - भोर नहीं हुई है 

भोर से पहले, दिन से पहले,
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।
शाम को सूरज अस्त भी नहीं हुआ था।
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।

तेरी आँखे सितारों से जगमगाती है,
चेहरे पर दिन से रौनक है,
मुझे दुनिया-दुनिया की क्या जरूरत है
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखूं?

भोर से पहले, दिन से पहले,
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।

शाम को सूरज अस्त भी नहीं हुआ था।
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।

रोज़ ढूँढ़ते और रोते हैं,
मैं दुनिया में क्या कर रहा हूं
सुबह जल्दी उठकर,
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखूं? (x2)

भोर से पहले, दिन से पहले,
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।
शाम को सूरज अस्त भी नहीं हुआ था।
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।

वे कहते हैं कि मेरा दिल तुम हो
और वे हमेशा आपको कहते हैं
मुझे आँखों की क्या ज़रूरत है?
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखूं? (x2)

भोर से पहले, दिन से पहले,
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।
शाम को सूरज अस्त भी नहीं हुआ था।
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।

भोर से पहले, दिन से पहले,
अगर मैं तुम्हारी आंखें नहीं देखता।

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