प्रथम शिक्षक (महान कविता)

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मैं सबसे पहले कलम उठाता हूँ,
शिक्षक जो लेखन और ड्राइंग सिखाता है!
याद रखें कि हमारे पास आप में से कई हैं
पढ़ाने वाले पहले मास्टर!

आपने जो काम किया वह व्यर्थ नहीं था,
आप के लिए शुभकामना।
नहीं पढ़ोगे तो बच्चे जैसे हो।
पहले गुरु जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी!

उस पूर्णता की ओर जो हमें ले जाती है,
जब वह ज्ञान देता है तो दूर मत जाना।
सच तो ये है ये सारी बातें,
ज्ञान का स्रोत है पहला गुरु!

भले ही हमने आपको बहुत चोट पहुँचाई हो,
आप जो कुछ भी जानते हैं वह सब हमें बताएं।
बच्चा मेरा मज़ाक उड़ाता है,
हमने अपना सिर फिर से थपथपाया, मास्टर!

मुझे अभी भी अपनी जवानी याद आती है
आप कहते हैं कि ये मेरे छात्र हैं।
हे मेरे बेटे-बेटियों, जब तुम मुझे सड़क पर देखते हो,
मैं आपको पहले मिस करता हूं मास्टर!

बहार लौट आती है, जवानी नहीं लौटती,
मैं अपने पिछले बचपन को कभी नहीं भूलूंगा।
मेरे मासूम लम्हें मेरा इंतज़ार कर रहे हैं,
मुझे उत्कृष्ट ग्रेड मिलेंगे, मास्टर!

शमशाद सफर तेरी जवानी बीत गई।
बहुत भोले और प्रसन्न रहो।
सौभाग्य प्रिय विद्यालय,
आप सम्मान में पहले मास्टर हैं!

लेखक : शमशोद सफर !

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