"मेरा पड़ोस एक समृद्ध पड़ोस है"

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आस-पड़ोस... इस एक शब्द के सार में सारे संसार के संस्कार, रीति-रिवाज, गरमागरम तफ़ता सन्निहित है। महल्ला हमारे लिए एक प्यार करने वाली मां की मिसाल हैं। हर सुबह हमारी माँ हमारा सिर सहला कर हमें जगाती है और हमें अच्छे कर्म करने के लिए प्रोत्साहित करती है, और आस-पड़ोस महान लक्ष्यों की ओर हमारा हाथ पकड़कर हमारे साथ सहानुभूति रखता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारा पड़ोस काबा है, जिसने इस सफेदी को हमारे दिलों में स्थानांतरित कर दिया है, अगर हमारी सास ने इसे धोया और सफेद किया। इसलिए इस धरती ने, जहां हमारी नाभि का लहू बहा था, हमें अपने दिल में अच्छी नीयत रखना सिखाया। उन्होंने हमें याद दिलाया कि किसी का अधिकार कभी किसी और का नहीं होता, और हमारे लोगों में धैर्य और संतोष की अवधारणाएं हमारे खून में कितनी अंतर्निहित हैं।

आज, पड़ोस हमारे देश में बड़े पैमाने पर सुधारों में सक्रिय भागीदार हैं।

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