जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के बारे में कविताएँ

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ज़हीरिद्दीन मुहम्मद बोबुर

धरती माता की कमी
उनके चेहरे लालसा से पीले हैं
भारत का सामना करना
देश हवा की तलाश में था

लालसा के लक्षण
बाबर ने कलम समाप्त की
वफादार फूल तिथियाँ
बाबर ने अपनी ग़ज़ल पूरी की

ग़ज़ल जायदाद का सुल्तान
एक कुशल राजा एक सेनापति होता है
पूरी दुनिया
हमें हर जगह याद किया जाएगा

यह हमारे लिए छोड़ दें
अक्षय धन
आपके द्वारा छोड़े गए निशानों के लिए
दुनिया खूबसूरत होगी।

✍️: इस्लामोवा मुकाम्बर


ज़हीरिद्दीन मुहम्मद बोबुर

आकाश ने मेरी परीक्षा ली
तेरी बेवफाई से मेरी जान चली गई
भले ही वह वापस न आए, अच्छा करो
बाबर यही चाहता है

मैंने कितनी लगन की
मैंने अपना काम आगे बढ़ाया
अगर मैं इसे सौंपता हूं, तो यह जमा है
मेरा नाम मत भूलना

तुम न जाने क्या लालसा रखते हो
जब तक यह इसके लायक न हो
आप अपने देश की कदर नहीं करते
जब तक वह उजगा देश न जाए

बाबर का धैर्य
घातक पहाड़ टूटेंगे
उस कब्र पर जहां मेरे दादाजी लेटे हैं
प्रकाश चमक रहा है

✍️: इस्लामोवा मुकाम्बर

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