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स्मृति दिवस के लिए शेर
यादगार दिवस।
आज स्मृति दिवस है
हम उसे नहीं भूलेंगे
दादाजी लड़े
जिन्होंने इसे जीता।
दुनिया का चेहरा शांति है
वे कारण हैं।
बच्चों को हंसाएं
वे भी खुश हैं।
बहादुर बहादुर कि वे हैं
शत्रु का बंदी।
उसने अपना देश नहीं बेचा
वह मृत्यु से भी नहीं डरता था।
मेरे दादा रोखिन
हमें आज याद है।
उन्होंने हमारे लिए जो काम किया है
हम आज सराहना करते हैं।
युद्ध बिल्कुल न हो
माताओं को दु:खी नहीं होना चाहिए।
विश्व में शांति हो
बच्चों को खेलने दें और हंसने दें।
✍️: इस्लामोवा मुकाम्बर