दोस्तों के साथ बांटें:
उज़्बेक दया, उदारता और अच्छे शिष्टाचार के बारे में कहावत है
- इसने देने वाले देवता को प्रसन्न किया / इसने देने वाले देवता को प्रसन्न किया - दायुश्ची आई बोगु नरावित्स्य (दयूश्ची मिलोस्तिन्यु, पोडारोक आई डॉ।)
- उस स्थान को नमस्कार करो, जहाँ तुमने चालीस दिन तक नमक पिया
- एक किशमिश को चालीस लोगों ने खाया/एक किशमिश को चालीस लोगों ने खाया - ओडनु श्टुचुकु किश्मिशा सोरोक चेलोवेक पोडेलिली
- भाषा की कुंजी भाषा है / भाषा की कुंजी भाषा है, भाषा भाषा की कुंजी है
- इनाम के तल में एक छेद है/इनाम के तल में एक छेद है - यू डोबरा दनो डाइरयावो (ओट डोबरा डोबरा ने ईशचुत।)
- दान अस्वीकृति परेशानी/भिक्षा देने से इंकार समस्या — मिलोस्तिन्या, पोडायनी ओटवर्गेट ज़्लो, नेस्चैस्ट
- अभिवादन अनिवार्य है, स्वागत अनिवार्य है/नमस्कार अनिवार्य है, अभिवादन अनिवार्य है
- बड़े हो तो छोटे रहो
- अलविदा कहो तो सब करो / अलविदा कहो तो सब करो
- अच्छाई का कोई जल्दी या देर नहीं है / अच्छाई का कोई जल्दी या देर नहीं है