बच्चों को बचपन से ही प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

दोस्तों के साथ बांटें:

💪हम सभी जानते हैं कि एक वास्तविक बच्चा हर तरह से स्वस्थ और रोग प्रतिरोधक होता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारा प्रेमी स्वस्थ और मजबूत रहे। हम यह भी जानते हैं कि इसके लिए बच्चे को प्रशिक्षित करना जरूरी है।

👶 जब एक बच्चा पैदा होता है, तो प्रकृति उसे लचीलेपन और लचीलापन के विभिन्न तंत्र प्रदान करती है ताकि वह अपरिचित दुनिया के अनुकूल हो सके। 👪 हमें, माता-पिता, लचीलेपन और लचीलेपन के तंत्र को आकार देना और प्रशिक्षित करना होगा जो प्रकृति ने हमें दिया है।
एक साधारण उदाहरण:
ज़्यादा गरम होने या जमने से रोकने के लिए शिशुओं में थर्मोरेगुलेटरी तंत्र होते हैं। यदि आप इस डर से नियमित रूप से अपने घर में "ग्रीनहाउस वातावरण" बनाते हैं कि आपके बच्चे को ठंड लग जाएगी, तो बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएं और उसे केवल गर्म कमरे में ले जाएं, इस क्रिया से आप अपने बच्चे के शरीर को उसकी आत्मरक्षा से वंचित कर देते हैं। तंत्र। जब शरीर का रक्षा तंत्र अनावश्यक लगता है, तो यह धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। थर्मोरेग्यूलेशन की सुरक्षा के बिना, आपका बच्चा हल्की हवा में भी ठंड पकड़ लेगा।

💪इसलिए जरूरी है कि बच्चे को बचपन से ही तालीम दी जाए।
बाल प्रशिक्षण एक बहुत ही उपयोगी प्रक्रिया है, प्रशिक्षण:
✔️ वायरल रोगों सहित विभिन्न रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
✔️ थर्मोरेग्यूलेशन तंत्र में सुधार करता है
✔️ शरीर में मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है
✔️बच्चे के शारीरिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है
✔️शरीर आसानी से मौसम के बदलाव के अनुकूल हो जाएगा
✔️बच्चे की नींद में सुधार होता है
विशेष रूप से जिन बच्चों को बचपन से प्रशिक्षित किया गया है, वे किंडरगार्टन जाने पर जल्दी से किंडरगार्टन स्थितियों के अभ्यस्त हो जाते हैं। वे अन्य गैर-टीकाकृत बच्चों की तरह अक्सर बीमार नहीं पड़ते।

एक टिप्पणी छोड़ दो